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गरियाबंद मे 19 लाख के 4 ईनामी माओवादीयों ने किया आत्मसमर्पण। gariyaband 19 lakh ke 4 naxli ne kiya aatmasamarpan

गरियाबंद :- 19 लाख के 4 ईनामी माओवादीयों ने किया आत्मसमर्पण।

 👉🏻क्षेत्र में एक दशक से सक्रिय हार्ड कोर माओवादी द्वारा आटोमेटिक हथियार के साथ गरियाबंद पुलिस, 65 बटालियन, सीआरपीएफ 211 बटालियन, सीआरपीएफ तथा 207 कोबरा के समक्ष आत्मसमर्पण।

👉🏻डीव्हीसी रैंक के 01 माओवादी तथा पोलित ब्यूरो सदस्य/सीसीएम-मोदेम बालाकृष्णन उर्फ मनोज के प्रोटेक्षन टीम के 03 माओवादी सहित 19 लाख रूपये के कुल 04 हार्ड कोर ईनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण। 

👉🏻डीजीएन डिवीजन के डीव्हीसीएम- दीपक उर्फ भीमा मण्डावी 08 लाख ईनामी तथा पोलित ब्यूरो सदस्य/सीसीएम- मोदेम बालाकृष्णन उर्फ मनोज के प्रोटेक्षन टीम के कैलाष उर्फ भीमा भोगाम (एरिया कमेटी सदस्य) 05 लाख ईनामी, रनिता उर्फ पायकी (एरिया कमेटी सदस्य) 05 लाख ईनामी तथा सुजीता उर्फ उर्रे कारम 01 लाख ईनामी माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण।

 
विवरण - नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति तथा गरियाबंद पुलिस के समर्पण हेतु अपील से प्रभावित होकर आज प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी के डीजीएन डिवीजन के 04 सक्रिय हार्डकोर माओवादियों द्वारा हिंसा एवं विनाश के मार्ग को त्याग कर आत्मसमर्पण किया जा रहा है। आत्मसमर्पित माओवादियों का विवरण निम्नानुसार है-   

(01 दीपक उर्फ भीमा मंडावी -

1.  ग्राम इतन पंचायत-पालेसरमा थाना किस्टाराम जिला सुकमा का निवासी है।
2.  वर्ष 2008 में लगभग 14-15 वर्ष की आयु में माओवादियों ने चेतना नाट्य मंडली में शामिल किया। 
3. वर्ष 2010 में किस्टाराम एरिया कमेटी कमांडर- सावित्री द्वारा इसे माओवादी संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में शामिल किया गया। 
4. एक वर्ष तक बस्तर में कार्य करने के बाद जुलाई 2011 को इंद्रावती से माड होते हुये जिला गरियाबंद क्षेत्र में कार्य करने के लिये भेजा गया। गरियाबंद      पहुंचने उपरांत इसे गोबरा एलजीएस में सदस्य रूप में शामिल किया गया। 
5.  कई वर्षो तक एलजीएस में कार्य करने बाद 2018 को एसीएम एवं एलजीएस का कमांडर बनाया गया। अप्रैल 2025 में इसके काम से प्रभावित होकर इसे डीव्हीसीएम बनाया गया।
6.  उक्त माओवादी डीजीएन डिवीजन में सक्रिय रहने के दौरान वर्ष 2011 को ग्राम झोलाराव मुठभेड जिसमें 03 माओवादी मारे गये, ग्राम कट्टीगांव मुठभेड जिला धमतरी जिसमें 01 माओवादी मारी गई, वर्ष 2025 को ग्राम काण्डसर मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया तथा ग्राम बेसराझर मुठभेउ जिसमें 16 नक्सलियों के मारे जाने की प्रमुख घटनाओं सहित जिला गरियाबंद एवं धमतरी में माओवादियों द्वारा घटित लगभग 25-27 घटनाओ में शामिल रहा।  

(02) कैलाष उर्फ भीमा भोगम - 

1.  ग्राम सीमिलपेंटा थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा का निवासी है। 
2.  2009 में 10 साल की उम्र में बाल संगठन एवं वर्ष 2010 से 2013 तक सीएनएम के सदस्य के रूप कार्य किया।
3.  वर्ष 2013 को जगरगुण्डा एरिया कमेटी के शंकर द्वारा इसे संगठन में सदस्य के रूप में भर्ती कराया गया। 
4.  दिसम्बर 2014 को बडे कैडरो के कहने पर इसे सीसी- मनोज के प्रोटेक्षन टीम में शामिल कर दिया गया। 
5.  वर्ष 2015 से मई 2019 तक सीसी- प्रोटेक्शन टीम का सदस्य रहा। 
6.  मई 2019 से जुलाई 2020 तक सीसी-प्रोटेक्शन टीम में एसीएम रहा। 
7.  जून 2020 से सितम्बर 2024 तक प्रोटेक्शन टीम- डिप्टी कमाण्डर रहा। 
8.  सितम्बर 2024 से जून 2025 तक प्रोटेक्शन टीम- कमाण्डर के तौर पर कार्य किया। 
9.  दिसम्बर 2023 से गरियाबंद में सक्रिय रहने के दौरान नवंबर/2024 को ग्राम अमाड थाना जुगाड के पास मुठभेड एवं मई/2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा के मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया जैसे प्रमुख घटना सहित जिला कंधमाल, नुआपाडा (ओडसा) तथा बस्तर के कई माओवादी घटनाओं में शामिल रहा। 
 

(03) रनिता उर्फ पायकी -

1.  ग्राम तिमेनार, थाना मिरतुर, जिला बीजापुर की निवासी है। 


2.  गांव में बाल संगठन एवं चेतना नाट्य मंच में कार्य कर रही थी। 


3.  वर्ष 2016 में इसे 13 नंबर पीएल कमाण्डर- अषोक द्वारा माओवादी संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती कराया गया।


4.  फरवरी/2017 को सीसी-मनोज द्वारा इसे अपने प्रोटेक्शन टीम में शामिल कर लिया गया। 

5.  मई/2017 को गरियाबंद से होते हुये ओडिसा के जिला कालाहाण्डी, नियमगिरी क्षेत्र चले गये।

 
6.  दिसम्बर 2023 से गरियाबंद में सक्रिय रहने के दौरान नवंबर/2024 को ग्राम अमाड थाना जुगाड के पास मुठभेड एवं मई/2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा के मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया जैसे प्रमुख घटना सहित जिला कंधमाल, नुआपाडा (ओडसा) तथा बस्तर के कई माओवादी घटनाओं में शामिल रही। वर्ष 2025 में ही एसीएम पद में इसे पदोन्नत किया गया था।                                                                                                                                   

(04) सुजीता उर्फ उर्रे कारम -

1.  ग्राम पेद्दागेलूर थाना तर्रेम, जिला बीजापुर की निवासी है। 

2.  जुलाई/2023 को इसे बासागुडा एलओएस कमाण्डर-कमला द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह बाद इसे प्रषिक्षण के लिये पामेड एरिया कमेटी कमाण्डर- संदेष के पास भेजा गया। 

3.  प्रषिक्षण के बाद 2023 में एसजेडसी- विकास द्वारा इसे सीसी-मोदेम बालाकृष्णन के प्रोटेक्षन टीम में शामिल कर दिया गया। 

4.  दिसम्बर 2023 से गरियाबंद में सक्रिय रहने के दौरान नवंबर/2024 को ग्राम अमाड थाना जुगाड के पास मुठभेड एवं मई/2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा के मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया जैसे प्रमुख घटना में शामिल रही। 


     वर्तमान में माओवादियों कि खोखली हो चुकी विचारधारा व माओवादियों के दूषित नीतियों के बारे में चारो माओवादियों ने बताया कि आज माओवादी निर्दोष ग्रामीणों की पुलिस मुखबीरी के शक में जबरन हत्या, लोगों को बेवजह राशन-सामानों के लिए परेशान करना, शासन के विकास कार्यो को नुकसान पहुचाना या पूरा नहीं होने देना, बस्तर के छोटे-छोटे युवक-युवतियों को बहला-फुसला या उनके परिवार वालो को डरा धमका कर माओवादी संगठन में शामिल करना, बडे माओवादियों द्वारा छोटे कैडरों का शोषण करना, स्थानीय लोगो को शासन के विरूद्व आंदोलन के लिए उकसाना एवं निर्माण कार्यो से जुडे ठेकेदारो से अवैध वसूली करने के लिए माओवादी संगठन को अड्डा बना लिये है। इन्ही सब स्थितियों को देखते हुये तथा हमारे साथियों द्वारा लगातार किये जा रहे समर्पण से प्रभावित होकर। 

          शासन की आत्मसमर्पण-पुनर्वास नीति के समक्ष समर्पण करने पर पद अनुरूप ईनाम राशि की सुविधा, हथियार के साथ समर्पण करने पर ईनाम राशि की सुविधा, बिमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा, आवास की सुविधा, रोजगार की सुविधा को देखते हुये हमारे कई माओवादी साथी (टिकेश, प्रमीला, दिलीप, मंजुला, सुनीता जैसे कई साथी) आत्मसमर्पण कर शासन के इन्ही योजनाओं का लाभ उठा रहे है, जिसके बारे में हम लोगो को समाचार पत्रो व स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से जानकारी मिलता था। गरियाबंद पुलिस द्वारा जंगल-गांवों में प्रचारित समर्पण नीति के पोस्टर-पाम्पलेट भी मिलते थे, जिससे हम लोगों के मन विचार आया कि हम लोग क्यों जंगल में पशुओं की तरह दर-दर भटक रहे है और इन बडे माओवादी कैडरो की गुलामी कर रहे है। माओवादियों की खोखली हो चुकी विचारधारा, जंगल की परेशानियां, शासन की पुनर्वास नीति तथा आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर हम लोग भी अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिताने के लिए आत्मसर्मपण के मार्ग को अपनाया है।

              दिनांक 16.08.2025-17.08.2025 के दरम्यानी रात्रि मुताबिक आप्स प्लान के बडे गोबरा के जंगल में स्न्च् लिये बाद दिनांक 17.08.2025 के सुबह करीबन 05.15 बजे को गोबरा रोड झापेन नाला के आगे पहाड़ी जंगल में सर्चिग के दौरान पुलिस पार्टी को अपनी ओर आता देख कर जंगल में पूर्व से घात लगाकर छिपे प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों के द्वारा अपने पास रखे स्वचलित हथियारों से पुलिस पार्टी को जान से मारने के उद्देश्य से पुलिस पार्टी के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग किया जाने लगा, पुलिस पार्टी द्वारा तत्काल पेड़ व चट्टान का आड़ लेकर अपनी जान बचाते हुए उपरोक्त प्रतिबंधित माओवादी नक्सलियों से तत्काल फायरिंग बंद कर देने एवं आत्मसमर्पण करने हेतु हिदायत दी गई किन्तु उनके द्वारा और भी आक्रामक होकर शासन एवं पुलिस के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए पुलिस पार्टी को जान से मारने की नियत से पुलिस पार्टी के ऊपर लगातार फायरिंग की जाने लगी। माओवादी नक्सलियों के विरूद्ध जवाबी कार्यवाही का कोई अन्य विकल्प न होने से पुलिस पार्टी द्वारा भी आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग किया गया पुलिस पार्टी को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगल पहाड़ का आड़ लेते हुए सभी नक्सली भाग गये। पुलिस पार्टी द्वारा कुल 12 राउण्ड फायर किया गया। जंगल में छोटे झाड़ व घास फूस होने से फायर किये गये राउण्ड का खोखा बरामद नही हो सका। आत्मसमर्पित नक्सली दीपक मण्डावी द्वारा बताये गये वह स्थान जहाँ नक्सलियों द्वारा भारी मात्रा में गोला बारूद व अवैध धनराशि जमीन में गाड़कर छिपाया गया था।  घटना स्थल पहुच कर आस पास बीडीएस टीम से चेकिंग कराया गया। उक्त स्थान पर जमीन की खुदाई कराने पर एक नीले रंग के तिरपाल के अंदर देशी बीजीएल बड़ा- 04 नग, देशी सुरका सेल छोटा 04 नग, हैण्ड ग्रिनेड 01 नग, वर्दी बेल्ट महरूम कलर 01 नग, नक्सली पोज 02 नग, नक्सली वर्दी 02 सेट, एक छोटे स्टील डिब्बा में अंदर पॉच सौ के बहुत सारे नोटों के बंडल व दो हजार के नोट मिलने पर मौके पर समक्ष गवाहों के नगदी रकम को गिनवाया गया जिसमें 500 के कुल 33 बण्डल मिला जिसमें से 32 बण्डल में 500 रूपये के 100-100 नोट कुल 16,00,000/-रूपये एवं 01 बण्डल में 500 रूपये के 80 नोट कुल 40,000/- रूपये तथा 2000 हजार रूपये के 05 नोट कुल 10,000/- रूपये कुल जूमला नगदी रकम 16,50,000/- रूपये, 02 नग मोबाईल सैमसंग कंपनी का किन्डल इलेक्ट्रानिक डिवाईस 01 नग, पेनासोनकि कंपनी का 01 नग रेडियों, सुरका कारतूस देशी 07 नग, सुरका कारतूस देशी खाली केस 06 नग, इसांस राउण्ड 5.56 एमएम.- 15 नग, 7.62 एमएम. राउण्ड 16 नग, 7.62 एमएम. खाली केश-02 नग, एचडी कार्टिज - 01 नग, एक स्टील बडा डिब्बा में 01 नग क्म्स्स् कंपनी लैपटॉप, 01 नग लेपटॉप चार्जर, कॉर्डेक्स 04 बण्डल, , जिलेटिन रॉड 15 नग, इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर 50 नग, इंसास मैगजीन 01 नग, एसएलआर रायफल मैगजीन 01 नग, सोल्ड्रिग मशीन 01 नग, इलेक्ट्रानिक वायर 01 बण्डल,  एवं टिफिन बम 01 नग पाया गया जिसे मौके पर मिले अन्य सामग्रियों का बरामद किया गया। 


 उपरोक्त 04 माओवादि के द्वारा आत्मसमर्पण एवं माओवादियों के द्वारा डम्प किये गये सफलताओं में जिला पुलिस बल गरियाबंद, 65 बलाटियन सीआरपीएफ, 211 बलाटियन सीआरपीएफ एवं 207 कोबरा का विषेष भूमिका रही है।




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